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बारहवाँ अध्यायः भक्तियोग- श्रीमद् भगवदगीता
आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया लिरिक्स
आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया ॥
माथेमडी मोरिया कुंडल सोहे कनुआ,
कारी कारी कजरारी जुल्मी नयनवा,
लाल चंदन सोहे इनके भाल सखियां,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया ॥
श्याव श्याव गोरे-गोरे जुड़िया जहान है ,
अखियो ने देख ली हा सुन ली हा कान है ,
जुगे जुगे जोड़ी जिए बेमिसाल सखिया,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया ॥
गगन मगन आज मगन धरतीया,
देखी देखी दूल्हा जी के सांवरी सुरतिया,
बाल वृद्ध नर नारी सब बेहाल सखियां,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया ॥
जेकरा लागी जोगी मुनि जप-तप कईलन,
से ही हमरा मिथिला में ही हमारे भाईलन,
आज लोढ़ा से सैकाई इनकर गाल सखियां,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया ॥
आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया ॥