चरणों में चारो धाम भजन लिरिक्स
ऐसे भक्त कहाँ,
कहाँ जग में ऐसे भगवान,
संघ गुरु का समोशरण सा,
चरणों में चारो धाम,
ऐसे भक्त कहाँ,
कहाँ जग में ऐसे भगवान ॥
गुरु का नाम तो गुरु से बड़ा है,
हर संकट में साथ खड़ा है,
गुरु चरणों में जो नित आते,
अपने सारे कष्ट मिटाते,
गुरु मेरे चंदा मैं हूँ चकोरा,
चितवत देखत गुरु की ओरा,
हम भक्तो पर थोड़ा सा,
दे दो गुरुजी ध्यान,
संघ गुरु का समोशरण सा,
चरणो में चारों धाम,
ऐसे भक्त कहाँ,
कहाँ जग में ऐसे भगवान ॥
योग समय विद्या महावीरा,
चारों भ्राता बड़े गंभीरा,
मोक्ष मार्ग पर बढ़ते जाते,
खुद चलते चलना सिखलाते,
मैं भी गुरुवर शरण में आया,
बड़े भाग्य से तुमको पाया,
आज नही जग में,
मेरे जैसा कोई धनवान,
संघ गुरु का समोशरण सा,
चरणो में चारों धाम,
ऐसे भक्त कहाँ,
कहाँ जग में ऐसे भगवान ॥
ऐसे भक्त कहाँ,
कहाँ जग में ऐसे भगवान,
संघ गुरु का समोशरण सा,
चरणों में चारो धाम,
ऐसे भक्त कहाँ,
कहाँ जग में ऐसे भगवान ॥