ढोलक पर कृष्ण जी के भजन लिरिक्स
1. हे री मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोय।
हे री मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोय।
दरद की मारी बन बन डोलूं बैद मिल्यो नही कोई॥ॐ॥
ना मैं जानू आरती वन्दन, ना पूजा की रीत।
लिए री मैंने दो नैनो के दीपक लिए संजोये॥ॐ॥
घायल की गति घायल जाणै, जो कोई घायल होय।
जौहरि की गति जौहरी जाणै की जिन जौहर होय॥ॐ॥
सूली ऊपर सेज हमारी, सोवण किस बिध होय।
गगन मंडल पर सेज पिया की, मिलणा किस बिध होय॥ॐ॥
दरद की मारी बन-बन डोलूं बैद मिल्या नहिं कोय।
मीरा की प्रभु पीर मिटेगी जद बैद सांवरिया होय॥ॐ॥
2. दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे |
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे |
मन मंदिर की जोत जगा दो, घाट घाट वासी रे ॥ॐ॥
मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी न दीखे सूरत तेरी |
युग बीते ना आई मिलन की पूरनमासी रे ॥ॐ॥
द्वार दया का जब तू खोले, पंचम सुर में गूंगा बोले |
अंधा देखे लंगड़ा चल कर पँहुचे काशी रे ॥ॐ॥
पानी पी कर प्यास बुझाऊँ, नैनन को कैसे समजाऊँ |
आँख मिचौली छोड़ो अब तो मन के वासी रे ॥ॐ॥
निबर्ल के बल धन निधर्न के, तुम रखवाले भक्त जनों के |
तेरे भजन में सब सुख़ पाऊं, मिटे उदासी रे ॥ॐ॥
नाम जपे पर तुझे ना जाने, उनको भी तू अपना माने |
तेरी दया का अंत नहीं है, हे दुःख नाशी रे ॥ॐ॥
आज फैसला तेरे द्वार पर, मेरी जीत है तेरी हार पर |
हर जीत है तेरी मैं तो, चरण उपासी रे ॥ॐ॥
द्वार खडा कब से मतवाला, मांगे तुम से हार तुम्हारी |
नरसी की ये बिनती सुनलो, भक्त विलासी रे ॥ॐ॥
लाज ना लुट जाए प्रभु तेरी, नाथ करो ना दया में देरी |
तिन लोक छोड़ कर आओ, गंगा निवासी रे ॥ॐ॥
3. बनवारी रे, जीने का सहारा तेरा नाम रे
बनवारी रे, जीने का सहारा तेरा नाम रे
मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे ॥ॐ॥
झूठी दुनिया, झूठे बंधन, झूठी है ये माया |
झूठा साँस का आना जाना, झूठी है ये काया ॥ॐ॥
यहाँ साँचा तेरा नाम रे…
रंग में तेरे रंग गयी गिरिधर, छोड़ दिया जग सारा
बन गयी तेरे प्रेम के जोगी, ले के मन एकतारा
मुझे प्यारा तेरा धाम रे, बनवारी रे …॥ॐ॥
दर्शन तेरा जिस दिन पाऊँ, हर चिन्ता मिट जाये
जीवन मेरा इन चरणों में, आस की ज्योत जगाये
मेरी बाँहें पकड़ लो श्याम रे, बनवारी रे…॥ॐ॥
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4. सूना सूना लागे बृज का धाम
सूना सूना लागे बृज का धाम,
गोकुल को छोड़ चले रे घन्श्याम ॥ॐ॥
यमुना रोए, मधुबन रोए, यमुना रोए, रोए कदम की शय्या,
भर भर नैना रोए रे गवाले, रोये बृज की गईआं |
राह रोक कर रोए मनसुखा, बिशड रहे मोरे श्याम रे ॥ॐ॥
बोल सके ना घर के पंशी, असुअन से भरे नैना,
आजा कान्हा, ना ज कान्हा, कूके रे पिंजरे की मैना |
नदिया रोये, गिरिवर रोये, ले कान्हा का नाम रे ॥ॐ॥
प्रेम दीवानी राधा रानी, भर नैना में पानी,
सुबक सुबक कहे हाय रे कान्हा, तुने बिरहा की पीर ना जानी |
कैसे कटेगी, तुम बिन साथी जीव की अब श्याम रे ||
कृष्ण भजन लिरिक्स इन हिंदी pdf
5. आज तुम्हे कहती है रुक्मण रानी
आज तुम्हे कहती है रुक्मण रानी,
आवीं कुण्डला वालेया, आवीं हारा वालेया ॥ॐ॥
पिता मेरे ने मन मे विचारा, वर ले रुक्मण श्याम प्यारा |
भाई मेरे ने जुलम कमाया, शिशुपाल वेआवन आ गया ॥ॐ॥
रुक्मण रानी लिख रही पाती, श्याम सुन्दर मेरे बन जाओ साथी |
दासी तेरी अरज गुजरे, शिशुपाल वेआवन आ गया ॥ॐ॥
विप्र तुर पड़े रात बाराती, जा मोहन को दीनी पाती |
पाती पड़ कर ला ली छाती, और रथ को खूब सजा लिया ॥ॐ॥
मोहन तुर पड़े सुबह सवेरे, जा मन्दिर मे ला लाये डेरे |
रुक्मण आई करने पूजा, बाजु पकड़ रथ मे बिठा लिया ॥ॐ॥
ढोलक पर कृष्ण जी के भजन लिरिक्स
6. यशोमती मैया से बोले नंदलाला
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला ॥ॐ॥
बोली मुस्काती मैया, ललन को बताया,
काली अँधेरी आधी रात को तू आया |
लाडला कन्हीया मेरा काली कमली वाला, इसी लिए काला ॥ॐ॥
बोली मुस्काती मैया, सुन मेरे प्यारे,
गोरी गोरी राधिका के नैन कजरारे |
काले नैनो वाली ने ऐसा जादू डाला, इसी लिए काला ॥ॐ॥
इतने में राधा प्यारी आई बलखाती,
मैंने क्या जादू डाला, बोली इख्लाती |
मैया कन्हीया तेरा जग से निराला, इसी लिए काला ॥ॐ॥
7. अब तो माधव मोही उभार
अब तो माधव मोही उभार |
दिवस बीते रैन बीती, बार बार पुकार ॥ॐ॥
नाव है मझधार भगवान्, तीर कैसे पाए,
घिरी है घनघोर बदली पार कौन लगाये ॥ॐ॥
काम क्रोध समेत तृष्णा, रही पल छिन घेर,
नाथ दीनानाथ कृष्णा मत लगाओ देर ॥ॐ॥
दौर कर आये बचने द्रोपदी की लाज,
द्वार तेरा छोड़ के किस द्वार जाऊं आज ॥ॐ॥
8. दर्शन देना प्राण प्यारे
दर्शन देना प्राण प्यारे |
नंदलाला मेरे नैनो के प्यारे ॥ॐ॥
दीनानाथ दयाल सकल गुण,
नवकिशोर सुन्दर मुख वारे ॥ॐ॥
मनमोहन मन रुक्तल रोक्यो,
दर्शन की चित चाह हमारे ॥ॐ॥
रसिक खुशाल मिलन की आशा,
निसदिन सुमरण ध्यान लगा रे ॥ॐ॥
9. मन्दिर मे रहते हो भगवन
मन्दिर मे रहते हो भगवन, कभी बाहर भी आया जाया करो ||
मैं रोज़ तेरे तेरे दर आता हूँ, कभी तुम भी मेरे घर आया करो ॥ॐ॥
मै तेरे दर का योगी हूँ,
हुआ तेरे बिना वियोगी हूँ |
तेरी याद मे आसूं गिरते हैं,
इतना ना मुझे तद्पाया करो ॥ॐ॥
आते क्यों मेरे नजदीक नहीं,
इतना तो सताना ठीक नहीं |
मैं दिल से तुमको चाहता हूँ,
कभी तुम भी मुझे अपनाया करो ॥ॐ॥
मैं दीन हूँ, दीनानाथ हो तुम,
सुख़ दुःख मे सब के साथ हो तुम |
मिलने की चाह खामोश करें,
कभी तुम भी मिला-मिलाया करो ॥ॐ॥
10. मीठे रस से भरी रे
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे ॥ॐ॥
यमुना मैया कारी कारी राधा गोरी गोरी |
वृन्दावन में धूम मचावे बरसाना री छोरी |
व्रज्धाम राधाजू की रजधानी लागे ॥ॐ॥
कान्हा नित मुरली मे टेरे सुमरे बरम बार |
कोटिन रूप धरे मनमोहन, तऊ ना पावे पार |
रूप रंग की छबीली पटरानी लागे ॥ॐ॥
ना भावे मने माखन-मिसरी, अब ना कोई मिठाई |
मारी जीबड़या ने भावे अब तो राधा नाम मलाई |
वृषभानु की लाली तो गुड़धानी लागे ॥ॐ॥
राधा राधा नाम रटत है जो नर आठों याम |
तिनकी बाधा दूर करत है राधा राधा नाम |
राधा नाम मे सफल जिंदगानी लागे ॥ॐ॥
11. कोई श्याम सुन्दर से कहदो यह जाके
कोई श्याम सुन्दर से कहदो यह जाके,
भुला क्यों दिया हमें, अपना बना के ॥ॐ॥
अभी मैंने तुमको निहारा नहीं है,
तुम्हारे सिवा कोई हमारा नहीं है |
चले क्यों गए श्याम दीवाना बना के,
भुला क्यों दिया हमें, अपना बना के ॥ॐ॥
अभी मेरी आखों मे आसूँ भारे है,
जखम मेरे दिल के अभी भी हरे हैं |
चले क्यों गए श्याम बंसी बजा के,
भुला क्यों दिया हमें, अपना बना के ॥ॐ॥
अगर तुम ना आये तो दिल क्या करेगा ,
तुम्हारे लिए ही तड़पता रहेगा |
निभाना नहीं था तो पहले तो ही कहते,
भुझाते हो क्यों आग दिल मे लगा के ॥ॐ॥
12. तुम राधे बनो श्याम
तुम राधे बनो श्याम |
सब देखेंगीं बृज बाम ॥ॐ॥
मेरो कहा तुम एको नहीं मानत |
आज पड़ो रे मोसे काम ॥ॐ॥
सब सखियन मिली नाच नाचावो |
यह है बृज घन श्याम ॥ॐ॥
13. मन मोहना बड़े झूठे
मन मोहना बड़े झूठे,
हार के हार नहीं माने ॥ॐ॥
बन के खिलाडी पिया,
निकले अनाड़ी |
मोसे बईमानी की,
मुझ से ही रूठे ॥ॐ॥
तुम्हारी यह बंसी कहना,
बनी गल फंसी |
तान सूना के मेरा,
तन मन लूटे ॥ॐ॥