नरक चतुर्दशी को रूप चतुर्दशी, नर्क चतुर्दशी, नरक चौदस, रुप चौदस अथवा नरका पूजा के नामों से जाना जाता है। इस दिन कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी पर मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का विधान होता है।
इसे छोटी दीपावली के रुप में मनाया जाता है इस दिन संध्या के पश्चात दीपक जलाए जाते हैं और चारों ओर रोशनी की जाती है।
नरक चतुर्दशी को काली चौदस के समान ही माना जाता है। परंतु, दोनों त्यौहार एक ही तिथि पर मनाए जाने वाले दो अलग-अलग त्यौहार हैं। चतुर्दशी तिथि की शुरुआत एवं समाप्ति के आधार पर ये दोनों त्यौहार अलग-अलग दिन हो सकते हैं।
नरक चतुर्दशी पर अभ्यंग स्नान की महत्ता मानी गई है, इसलिए नरक चतुर्दशी तिथि की गणना अभ्यंग स्नान मुहूर्त पर आधारित है। अतः यह तिथि लक्ष्मी पूजा के एक दिन पहले अथवा उसी दिन हो सकती है। जब चतुर्दशी तिथि सूर्योदय से पहले रहती है और अमावस्या तिथि सूर्यास्त के बाद प्रबल होती है तो नरक चतुर्दशी और लक्ष्मी पूजा एक ही दिन पड़ती है। अभ्यंग स्नान चतुर्दशी तिथि पर हमेशा चंद्रोदय के दौरान, लेकिन सूर्योदय से पहले किया जाता है।
नरक चतुर्दशी कथा:
एक कथा के अनुसार आज के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी और दुराचारी नरकासुर का वध किया था और सोलह हजार एक सौ कन्याओं को नरकासुर के बंदी गृह से मुक्त कर उन्हें सम्मान प्रदान किया था।
इसलिए असुर नरकासुर ने भगवान कृष्ण से अनुरोध किया, आज आप केवल मुझे नहीं मार रहे हैं, बल्कि मेरे द्वारा किए गए सभी बुरे कर्मों का अंत कर रहे हैं, अतः इसे उत्सव की तरह मनाया जाना चाहिए।
श्री कृष्ण ने नरकासुर से पहले असुर मुरा का वध किया, क्योंकि नरकासुर और मुरा दोनों से एक साथ जीतना का कोई उपाय नहीं था। श्री कृष्ण का नाम मुरारी इसलिए पड़ा क्योंकि उन्होंने मुरा का वध किया था।
संबंधित अन्य नाम | रुप चौदस, रुप चतुर्दशी, नरक चौदस, नर्क चतुर्दशी, नर्क चौदस |
सुरुआत तिथि | कार्तिक कृष्णा चतुर्दशी |
उत्सव विधि | पूजा, भजन-कीर्तन, मंदिर में पूजा, दीप दान। |
Naraka chaturdashi 2022
Naraka Chaturdashi is also known as Roop Chaturdashi, Narka Chaturdashi, Narka Chaudas, Roop Chaudas or Narka Puja.
संबंधित जानकारियाँ
भविष्य के त्यौहार
31 October 202420 October 20258 November 202628 October 2027
आवृत्ति – वार्षिक
समय – 1 दिन
सुरुआत तिथि – कार्तिक कृष्णा चतुर्दशी
समाप्ति तिथि – कार्तिक कृष्णा चतुर्दशी
महीना – अक्टूबर / नवंबर
उत्सव विधि – पूजा, भजन-कीर्तन, मंदिर में पूजा, दीप दान।
महत्वपूर्ण जगह – घर, भगवान विष्णु मंदिर, श्री राम मंदिर, श्री कृष्ण मंदिर, इस्कॉन मंदिर।
पिछले त्यौहार
24 October 2022, 4 November 2021