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बारहवाँ अध्यायः भक्तियोग- श्रीमद् भगवदगीता
राम बने हैं दूल्हा सीता जी दुल्हनिया लिरिक्स
राम बने हैं दूल्हा, सीता जी दुल्हनिया,
आज होगा रे लगन, सीता जी का राम संग,
बड़ी शुभ है घड़ी, शुभ है घड़ी,
सब हर्षाये, सभी देते हैं बधाइयां,
कैसी जोड़ी है सजी, सीता संग राम की,
आएं देव सभी, देव सभी,
राम बने हैं दूल्हा, सीता जी दुल्हनिया ॥
राम बनेंगे आज सिया वर,
जानकी राम प्रिया हो,
मंदिर मंदिर घर घर छाई,
चारो तरफ खुशियां हो,
जनक दुलारी ने रघुवर का,
जनक दुलारी ने रघुवर का,
आज किया है वरन हो,
राम ओढ़ाने आये, सीता को चुनरिया,
आज होगा रे लगन, सीता जी का राम संग,
बड़ी शुभ है घड़ी, शुभ है घड़ी,
राम बने हैं दूल्हा, सीता जी दुल्हनिया ॥
धर्म निभाना है राजा को,
आज तो एक पिता का,
करना है कन्यादान जनक को,
आज तो अपनी सुता का,
जनक भरे हैं नैन में आंसू,
जनक भरे हैं नैन में आंसू,
दिल मे बड़ी ये दुआ हो,
तुमको लगे ना लाडो,
किसी की नज़रिया,
आज होगा रे लगन, सीता जी का राम संग,
बड़ी शुभ है घड़ी, शुभ है घड़ी,
राम बने हैं दूल्हा, सीता जी दुल्हनिया ॥
अवधपुरी के सब नर नारी,
आज भरे हैं उमंग से,
दशरथ हर्षित हर्षित हैं सब,
माताएं इस संग से,
रघुनंदन ने पूरा किया है,
रघुनंदन ने पूरा किया है,
आज तो सबका स्वपन हो,
राम ब्याह के लाएं,
सीता को नगरिया,
आज होगा रे लगन, सीता जी का राम संग,
बड़ी शुभ है घड़ी, शुभ है घड़ी,
राम बने हैं दूल्हा, सीता जी दुल्हनिया ॥
राम बने हैं दूल्हा, सीता जी दुल्हनियां,
आज होगा रे लगन, सीता जी का राम संग,
बड़ी शुभ है घड़ी, शुभ है घड़ी,
सब हर्षाये, सभी देते हैं बधाइयां,
कैसी जोड़ी है सजी, सीता संग राम की,
आएं देव सभी, देव सभी,
राम बने हैं दूल्हा, सीता जी दुल्हनिया ॥