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बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे भजन लिरिक्स | bans ki basuriya pe ghano itrave lyrics

bans ki basuriya pe ghano itrave lyrics

बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे भजन लिरिक्स | bans ki basuriya pe ghano itrave lyrics | Ram Bhakti Lyrics

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बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे भजन लिरिक्स

बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती,
हीरा मोत्या की जो होती,
जाणे काई करतो, काई करतो,
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे।।


जैल में जनम लेके घणो इतरावे,

कोई महला में जो होतो,
कोई अंगना में जो होतो,
जाणे काई करतो, काई करतो,
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे।।


देवकी रे जनम लेके घणो इतरावे,

कोई यशोदा के होतो,
माँ यशोदा के जो होतो,
जाणे काई करतो, काई करतो,
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे।।


गाय को ग्वालो होके घणो इतरावे,

कोई गुरुकुल में जो होतो
कोई विद्यालय जो होतो,
जाणे काई करतो, काई करतो,
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे।।


गूज़रया की छोरियां पे घणो इतरावे,

ब्राह्मण बाणिया की जो होती,
ब्राह्मण बाणिया की जो होती,
जाणे काई करतो, काई करतो,
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे।।


साँवली सुरतिया पे घणो इतरावे,

कोई गोरो सो जो होतो,
कोई सोणो सो जो होतो,
जाणे काई करतो, काई करतो,
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे।।


माखन मिश्री पे कान्हा घणो इतरावे,

छप्पन भोग जो होतो,
मावा मिश्री जो होतो,
जाणे काई करतो, काई करतो,
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे।।


बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,

कोई सोना की जो होती,
हीरा मोत्या की जो होती,
जाणे काई करतो, काई करतो,
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे।।

Singer – Nisha Dutt


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