राम बने हैं दूल्हा सीता जी दुल्हनिया लिरिक्स
RELATED – कण कण में कृष्ण समाये है भक्तों ने हरि गुण गाए हैं बारहवाँ अध्यायः भक्तियोग- श्रीमद् भगवदगीता राम
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मां अन्नपूर्णा माता का महाव्रत मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष पंचमी से प्रारम्भ होता है और मार्गशीर्ष शुक्ल षष्ठी को समाप्त होता है। यह
मुझे पल पल हर पल याद प्रभु की आती है लिरिक्स तर्ज – तेरी आख्या का यो काजल प्रभु राम
विनियोग:अस्य श्रीरामरक्षास्त्रोतमन्त्रस्य बुधकौशिक ऋषिः ।श्री सीतारामचंद्रो देवता ।अनुष्टुप छंदः। सीता शक्तिः ।श्रीमान हनुमान कीलकम ।श्री सीतारामचंद्रप्रीत्यर्थे रामरक्षास्त्रोतजपे विनियोगः । अथ
हे भोळ्या शंकरा आवड तुला बेलाची लिरिक्स हे भोळ्या शंकरा हे भोळ्या शंकरा आवड तुला बेलाची बेलाच्या पानाची हे भोळ्या
जिसके ह्रदय में राम नाम बंद है लिरिक्स जिसके ह्रदय में राम नाम बंद है उसको हर घडी आनंद ही
राम नवमी को भगवान श्रीराम के अवतरण दिवस के रूप मे मानते है। यह पर्व हिंदू पंचांग के प्रथम माह चैत्र
सर पे मुकुट सजे मुख पे उजालामुख पे उजालाहाथ धनुष गले में पुष्प मालाहम दास इनके यह सबके स्वामी अंजान
नित्यानन्दकरी वराभयकरी सौन्दर्यरत्नाकरीनिर्धूताखिलघोरपावनकरी प्रत्यक्षमाहेश्वरी ।प्रालेयाचलवंशपावनकरी काशीपुराधीश्वरीभिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥१॥ annpurna mata vrat katha नानारत्नविचित्रभूषणकरी हेमाम्बराडम्बरीमुक्ताहारविलम्बमानविलसद्वक्षोजकुम्भान्तरी ।काश्मीरागरुवासिताङ्गरुचिरे काशीपुराधीश्वरीभिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी