चालीसा
अन्नपूर्णा स्तोत्रम् (Annapoorna Stotram)
नित्यानन्दकरी वराभयकरी सौन्दर्यरत्नाकरीनिर्धूताखिलघोरपावनकरी प्रत्यक्षमाहेश्वरी ।प्रालेयाचलवंशपावनकरी काशीपुराधीश्वरीभिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥१॥ annpurna mata vrat katha नानारत्नविचित्रभूषणकरी हेमाम्बराडम्बरीमुक्ताहारविलम्बमानविलसद्वक्षोजकुम्भान्तरी ।काश्मीरागरुवासिताङ्गरुचिरे काशीपुराधीश्वरीभिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी